मध्यप्रदेश/भिण्ड - खुले आसमान के नीचे पलते गरीब परिवारों के बीच दीपावली मनाने का आंनद ही अलग है - लक्ष्मी कौरव
मध्यप्रदेश/भिंड -(हसरत अली) - शहर के गल्ला मंडी प्रांगण में खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले सौ से अधिक परिवारों के बीच दीपावाली त्योहार के मायने समझ में आते है। जिनके लिए सुबह से शाम तक पेट भर रोटी जुटा पाना भी बहुत मुश्किल काम होता है। उनके लिए त्यौहार भी उतना ही मायने रखता है।
शनिवार रविवार दीपावली के अवसर पर कुछ समाजसेवियों ने गरीब झुग्गियों के बीच पहुंचकर दिवाली की खुशियां पटाखे छोड़ एवं मिठाई बांटकर मनाई। समाजसेवी लक्ष्मी कौरव ने बताया कि झोपड़ियो के छोटे-छोटे बच्चे दौड़कर हमारे साथ दीप उत्सव की प्रसन्नता शेयर करने लगे, ऐसे जैसे मानो उनके घर में दीपावली की खुशियां पहली बार आई हो।
यह उद्गार समाज सेविका लक्ष्मी कौरव ने न्यूज़ टुडेस 24 से फोन पर बात करते हुए शेयर की।
इस दौरान उनके साथ संजय सिंह, मयंक भदोरिया, मुस्कान भी शामिल थी।
उन्होंने कहा है त्यौहार के अगर सही मायने समझना है तो गरीब बस्तियों में रहने वाले उन गरीब परिवारों के बीच जाकर महसूस किया जा सकता है। जिनके लिए त्योहार कोई मायने नहीं रखता। उनकी परिवारिक हालत इतनी दयनीय होती है कि परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल होता है।
हम सब लोगों को यह बात बखूबी समझना चाहिए। त्योहार की खुशियां बांटने से ही अच्छी लगती है।
उन्होंने कहा कि लगभग 100 परिवार यहां रह रहे हैं।इन पर सर्दी के मौसम में शरीर को ठंड से बचाने के लिए कपड़े भी भली भांति उपलब्ध नहीं होते है। इन गरीब चेहरों पर मुस्कान देखने के उद्देश्य से कपड़े मिठाई फल व फुलझड़ी पटाखा चलाकर दिवाली का उत्साह बांटना चाहिए। जिससे दीवाली का एक अच्छा अनुभव किया जा सकता है।
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