भोपाल - मध्यप्रदेश रेत नियम 2019 में संशोधन
मध्यप्रदेश/भोपाल - ( सत्येन्द्र पांडे ) - मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम 2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी। संशोधनों से प्रदेश में रेत खनिज की आपूर्ति आबाधित रूप से संभव हो सकेगी। इससे निर्माण कार्यो को गति मिलेगी तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। राज्य शासन के राजस्व आय प्राप्ति पर भी इसका प्रभाव अपरोक्ष रूप से पड़ेगा।
संशोधन अनुसार प्रदेश में स्वीकृत की जाने वाली रेत खदानों में रेत खदान की अवधि की गणना अनुबंध दिनांक के स्थान पर आशय पत्र जारी होने की दिनांक से की जायेगी। यदि रेत समूह के किसी निविदाकार द्वारा सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होने के बाद भी यदि अनुबंध का निष्पादन नहीं किया जाता़, तब दंण्ड स्वरूप उसके द्वारा जमा सुरक्षा राशि को राजसात किया जा सकेगा।
खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृति के लिये खदान से 5 किलोमीटर की परिधि प्रतिबंधित की गई हैं। इसके बाद रेत खनिज के समूह के ठेकेदार तथा शासन द्वारा अधिकृत रेत खनिज के ठेकेदार को इनके पक्ष में स्वीकृत खदान से 5 किलोमीटर की सीमा के बाहर और 8 किलोमीटर की परिधि में खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की जा सकेगी। शासकीय कार्यो में रेत खनिज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसे जिलें जहां पर रेत खनिज के समूह की खदानें रिक्त है, वहां पर शासकीय विभागों को रेत खनिज की उत्खन्न अनुज्ञा स्वीकृति की जा सकेगी।
खनिज राजस्व बकाया वसूली योजना
मंत्रि-परिषद ने खनिज साधन विभाग के अंतर्गत खनिज राजस्व बकाया की वसूली के लिये योजना मंजूर की हैं। योजना में वर्ष 1960-61 से वर्ष 2009-10 तक की खनिज राजस्व बकाया में ब्याज की छूट प्रदान की है। इसी प्रकार वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक की 5 लाख रूपये की बकाया राशि में संपूर्ण ब्याज की छूट दी है। इस अवधि की 5 लाख से 1 करोड़ एवं इससे अधिक की बकाया राशि में ब्याज में 18 प्रतिशत की छूट दी गई हैं।
छूट के बाद मूल बकाया राशि 43 करोड़ 81 लाख रूपये के विरुद्ध ब्याज सहित 45 करोड़ 14 लाख की वसूली सुनिश्चित हो सकेंगी। योजना 31 जनवरी 2021 तक ही लागू रहेगी। यदि खनिज बकाया के विरूद्व न्यायालयीन वाद प्रचलित है तब इस योजना के अंतर्गत राशि जमा होने पर वाद वापस लिया जा सकेगा। योजना से लंबित बकाया राशि की वसूली होना सुनिश्चित हो सकेगी।
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