मध्यप्रदेश/भिण्ड - नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज
भिण्ड - ( हसरत अली )- म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार भिण्ड जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन 12 दिसम्बर 2020 को किया जाना सुनिश्चित किया गया है। उक्त आदेश के परिपालन में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड श्री गजेन्द्र सिंह के निर्देशन में एवं समन्वयक/विशेष न्यायाधीश नेशनल लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद, गोहद एवं लहार के प्रत्येक न्यायालय में 12 दिसम्बर 2020 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
उक्त लोक अदालत में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया हैं कि पूर्ववर्ती सामान्य लोक अदालत में दी गई छूट के समान विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 12 दिसम्बर 2020 को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाव श्रेणी के घरेलू व कृषि, 5 किलो वाट भार तक केगैर घरेलू तथा 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट प्रदाय की जाएगी।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर-कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान पर चूक किए जाने पर निर्धारित आदेश (126 के प्रकरणों में अंतिम निर्धारित आदेश) जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्वि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले व्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारित आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्वि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि 100 प्रतिशत की छूट की जाएगी।
उपरोक्तानुसार छूट नियमानुसार शर्तो के तहत दी जाएगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एक मुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/ सयोजनो के विरूद्व विद्युत देयको की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थित में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित सयोजनो के विरूद्व बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जाएगी।
विद्युत चोरी/ अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/ अदालतो में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता छूट के प्राप्त नहीं होगे। सामान्य विद्युत देयको के विरूद्व बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार बसूल की जाएगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 12 दिसम्बर 2020 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। पक्षकार से अपील की जाती है कि वह अपने मामलो का लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराकर उक्त दी जाने वाली छूट का लाभ प्राप्त करें।
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