भिण्ड - सहकारी संस्थाओं के 55000 कर्मचारी 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
भिंड - (हसरत अली) - मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ भोपाल के आवाहन पर मध्यप्रदेश में सहकारी संस्थाओं के पचपन हज़ार कर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बी,एस,चौहान आव्हान पर प्रदेश की 4525 सहकारी संस्थाएं एवं उचित मूल्य की 23000 दुकाने 4 फरवरी से अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कलम बंद महा आंदोलन की शुरुआत करेगी।
मध्य प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ भिंड से जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह परमार ने बताया 1 फरवरी से लेकर 3 फरवरी तक सभी जिलों में अध्यक्ष के नेतृत्व में जिले के समस्त कर्मचारी एवं सहकारी संस्थाओं में कार्यरत प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लेखापाल ,कंप्यूटर ऑपरेटर कैसियर, विक्रेता, मृत्य एवं चौकीदार, सभी एक साथ जिला लेवल पर एकत्र होकर रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। वहीँ 4 फरवरी को जिले की समस्त सहकारी संस्थाएं एवं उचित मूल्य की दुकानें अनिश्चित काल के लिए बंद कर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन जारी है।
उन्होंने कहा है कि जब तक तीनोँ मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन समाप्त नही होगा। आंदोलन कर्मियों की मांग है कि सहकारी संस्थाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों को शासन के कर्मचारियों की भांति नियमितीकरण, किया जाए। और जो खाद्यान्न कटौती की गई है। उसको वापस दिया जाए । ई मशीनों में जीरो किया जाए । साथ ही उपार्जन का कई वर्षों से कमीशन दिया जाए एवं अन्य विषयों पर भी महासघ प्रशासन से चर्चा में हिस्सेदारी की जाये।
जिलाध्यक्ष परमार ने आगे बताया है सहकारी उचित मूल्य की दुकानों को हमेशा 50% गल्ला दिया जाता है जबकि प्रशासन का दबाव रहता है कि हंड्रेड परसेंट बांटा जाए। तो यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा है कि "जवाब आधा दे रहे हैं तो आधा ही बटेगा" यही नही हमारी ई मशीनों में शून्य किये बिना ही अगले महीने का गल्ला अपलोड हंड्रेड परसेंट किया जाता है। जबकि दिया 50% जाता है और मशीनों के हिसाब से ही हम लोगों को ही ऊपर हिसाब मांगा जाता है। यह निरंतर 12 सालों से जारी है।
श्री परमार का कहना है इसी बात को लेकर उपभोक्ताओं से अक्सर कोटा धारकों का झगड़ा हुआ करता है।जिसकी शिकायतें प्रशासन को उपभोक्ता किया करते हैं। उन्होंने बताया है इसी मामले को लेकर दतिया जिले में कोटा धारकों के साथ मारपीट हुई थी जिसकी जिला प्रशासन में शिकायत भी की गई थी। बहुत हो चुका अब नहीं सहन करेंगे हमारी लड़ाई इंसाफ मिलते मिलने तक जारी रहेगी
*कर्मचारी तीन वेतन एक को*
श्री परमार ने जानकारी देते हुए बताया है एक दुकान पर लगभग 3 कर्मचारी लगते हैं जबकि शासन से मात्र ₹4000 एक कर्मचारी को दिए जाते हैं वह भी समय से नहीं बाकी दो लोग कैसे काम करते हैं यह कोटा धारक अपने स्तर से उनको मेहनताना उपलब्ध कराता है। हमारे संगठन की शासन से यही मांग है की एक निश्चित वेतनमान किया जाए और नियमित दिया जाए। सरकार नहीं मानती तो आर-पार की लड़ाई होगी। लेकिन आंदोलन वापस नहीं होगा।
भिंड से हसरत अली की रिपोर्ट।
कोई टिप्पणी नहीं