भिण्ड - कांग्रेसियों को हुआ सिंधिया फोबिया - डॉ रमेश दुबे
भिण्ड - ( हसरत अली ) - कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर दिए गए बयानों पर सिंधिया समर्थक भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए प्रेस नोट जारी कर कहा कि कांग्रेसियों को सिंधिया फोबिया हो गया है, उन्हें सोते सिंधिया दिखाई देते हैं जागते हुए तो सिंधिया दिखाई देते हैं।
जहां देखो उधर उन्हें सिंधिया ही सिंधिया दिखाई देते हैं क्योंकि जिस सिंधिया को वह और उनके आका कमलनाथ सड़क पर उतारने की बात कर रहे थे उन्ही सिंधिया ने सभी कांग्रेसियों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।
यही कारण हैं कि कांग्रेसीयो उनको हर पल याद करते रहते हैं। उलजुलूल बयानबाज़ी करते हैं इन हरकतों पर बड़ी हंसी आती है।
डॉ दुबे ने कहा यही आडम्बरी पहले कहते थे कि भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लास्ट बेंचर बनाकर कर अंतिम पंक्ति में बिठाकर उनका तिरस्कार किया है। पर आज जब श्रीमंत की कार्यदक्षता और क्षमता ,जनता में लोकप्रियता की वजह से केंद्रीय मंत्री बनाये जाने ये कांग्रेसी पचा नहीं पा रहे हैं।
डॉ दुबे ने कहा कांग्रेसी जिले में हुए सम्मेलन में कह रहे थे कि भाजपा ने सिंधिया को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी है, मैं पूंछना चाहित हूँ क्या भारतीय जनता पार्टी उन लोगों के हिसाब से चलेगी,,? जिनकी खुद की चाल ढाल नासाज़ है,जिन्हें खुद का पता नहीं कि वो अपना अस्तित्व रख भी पा रहे हैं या नहीं। ऐसे लोग केवल छपासी छाया में जीते हैं, पहले अंतिम बेंच पर बैठने पर आपत्ति थी तो अब अधिक महत्व दिए जाने से परेशान हैं।
डॉ दुबे ने कहा कांग्रेसी नेतागण भारतीय जनता पार्टी के निजी मामलों में ताकाझांकी बन्द करें । खुद के गिरेबान में झाँककर देखें कि क्या उनका वजूद शेष भी है या नहीं, कांग्रेस अपने टूटे फूटे बर्तन समेटकर अपनी दाल गलाएं तो बेहतर, नहीं तो आपस में एक दूसरे को काटना कांग्रेस की पुरानी फितरत रही है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने कहा कि कल के कांग्रेसी सम्मेलन में उनके मंच से एकता की बड़ी बड़ी डींगें हाँकी जा रही थी लेकिन सत्यता जनता को पता है कि मंच पर ही बैठे कांग्रेसी एक दूसरे के कितने हितैषी हैं, आज कांग्रेसियों की एकता की बात ठीक वैसे ही है जैसे श्रीमंत सिंधिया जैसे शेरदिल व्यक्तित्व को देख कांग्रेसी इकट्ठे होने की बात कर रहे हों, इनके ऐसे सम्मेलनों को महज मनोरंजन के रूप में लेना चाहिए, कांग्रेसी ऐसे सम्मेलन कर अपनी दुकानदारी चलाना चाहते हैं, जनता से उन्हें कोई सरोकार नहीं है।
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