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भिण्ड - स्थानीय कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां, रचना सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध


भिण्ड - ( हसरत अली ) -  स्व हरिकिशन दास जाघव भूत व्यापारिक मेले में निराला रंग विहार मंच पर स्थानीय कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समा। नगर पालिका परिषद् भिण्ड दुआरा शनिवार देर रात आयोजित कवि सम्मेलन में ज़िले के दूर- दराज़ इलाके से पहुचे साहित्यकारों अपनी टी अपने प्रतिनिधि रचना सुनाकर सुनने वालों को दिल जीत लिया 24:00 के बाद तक चले इस कवि सम्मेलन में खूब वाहवाही लूटी लेकिन इस दौरान कवियों में एक बात की नाराजगी देखोगे कोई शहर या जिले का जनप्रतिनिधि इस साहित्य सम्मेलन में मौजूद नहीं रहा इसे लेकर साहित्यकारों में तरह-तरह की क्रियाएं आ रही है।


सर्वप्रथम सरस्वती प्रतिमा एवं महाप्राण कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रतिमा पर सीएमओ नगरपालिका सुरेंद्र शर्मा ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ कराया। वही सबसे पहले सरस्वती वंदना करते हुए शशि वाला राजपूत ने कविता पाठ किया, तदुपरांत निराला मंच पर दो दर्जन से अधिक कवियो गीत, ग़ज़ल, घनाक्षरी छंद, सोरठा, चौपाई, मुक्तक, अतुकांन्त कविता  सुना कर श्रोताओं को गदगद कर दिया। 


मंच संचालन कर रहे कवि अंजुम मनोहर ने साहित्यकारों को कविता पाठ हेतु डाइस पर बारी बारी से आमंत्रित किया। सर्वप्रथम वरिष्ठ साहित्यकार  शिव बहादुर सिंह शिव भिण्ड, गजेन्द्रसिह परमारकोक सिंह पा पूरा, शिवराम सिंह शलभनूनहाता, ओमप्रकाश नीरस भिण्ड, दशरथ सिंह कुशवाह, आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, मनोज स्वर्ण, राजेश मधुकर, आशुतोष शर्मा, चन्द्रशेखर कटारे, प्रदीप वाजपेई युवराज, ऋतुराज बाजपेई, कौशलेंद्र सिंह कौशल बाराकला, रविंद्र तिवारी, विनोद सिंह निर्मल, मुकेश शर्मा, रामकुमार पाण्डेय, सुनील कांत त्रिपाठी निराला, राईन अजनबी, हसरत हयात, महावीर तन्हा, किशोरी लाल बादल, रामसिया करुण, ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम उपरांत संयोजक एवं व्यवस्थापक राजेन्द्र श्रीवास्तव ने पधारे हुए कवियों एवं गणमान्य नागरिकों  का आभार व्यक्त करते हुए साहित्यकारों का शाल श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान निधि भेंटकर सम्मानित किया गया ।


*कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा स्थानीय कवि सम्मेलन में,

नाराज है कवि।*

इस दौरान कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकारों में एक नाराजगी देखने को मिली उन्होंने कहा है कि स्थानीय कवि सम्मेलन को जनप्रतिनिधियों ने पूरी तरह से नकारा है ये उनकी स्थानीय कवियों के प्रति उदासीनता है। आज स्व हरी किशन दास भूता जी के व्यापार मेले में निराला रंग बिहार मंच पर स्थानीय साहित्यकारों ने एक अच्छा कविता पाठ किया है लेकिन इसमें कोई जनप्रतिनिधी जैसे विधायक,मंत्री पार्षद या संबंधित प्रशासनिक आलाअधिकारी मौजूद नहीं रहा। 

यह सरासर स्थानीय एवं भिंड के साहित्यकारों के लिए असम्मान की बात है। जबकि स्थानीय कवि किसी अन्य कवि साहित्यकारों से कम नहीं है। *"कवियों का कहना है। क्या,,,? इतनी भी लेखनी अच्छी नहीं भिण्ड के साहित्यकारों की एक भी कविता  स्थानीय प्रतिनिधि को आकर्षित कर सके" कवियों ने कहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो अगली बार से कोई भी स्थानीय कवि कविता पाठ करने निराला रंग मंच पर नहीं आएगा। 


हम देखते हैं जब कभी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होता है तो भिंड के जितने भी स्थानीय प्रतिनिधि सुनने पहुचते है। और अपने साथ 10-10 20-20 श्रोता लेकर पहुंचते हैं जबकि स्थानीय कवियों को यहाँ नकारा जा रहा है।  नपा की जानिब से इस धीरेश तिवारी, शब्देशरण शर्मा एवं नगर पालिका परिषद के विभागीय सदस्य उपस्थित हुए।


भिण्ड से हसरत अली।

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