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भिण्ड - मंत्री ने फीता काटकर व्यापार मेले का किया शुभारंभ


भिण्ड - ( हसरत अली ) -  मेला शुभारंभ होने की अटकलों को उस वक्त विराम लग गया जब मध्य प्रदेश सरकार के लोक सेवा प्रबंधन एवं सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने शुक्रवार देर शाम फीता काटकर मेले का शुभारंभ कर दिया। 


इससे पूर्व 1 या 9 अप्रैल की तारीख को मेले शुभारंभ होना था। लेकिन किन्ही कारणों से दिन बढ़ाते गये तारीखें टलती गयी। आखिर कार 15 अप्रैल यानी शुक्रवार की शाम मंत्री जी ने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन शुरू होने से कुछ घंटे पूर्व मेले का शुभारंभ कर दिया। 


इस दौरान उनके साथ भिण्ड दतिया सांसद संध्या राय,नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओ पी एस भदौरिया, स्थानीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रमेश दुबे, जिला अध्यक्ष नाथूराम गुर्जर,राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त डॉ राजकुमार कुशवाहा ,महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती कृष्णकांता तोमर के अलावा बड़ी संख्या में सरकार के नुमाइंदे के साथ कलेक्टर एसपी भी मौजूद रहे।


कोरोना कॉल निजात के लगभग 2 वर्षों बाद स्व.श्री हरिकिशन दास जाधव जी भूता व्यापारिक मेला,निराला रंग विहार मंच से मंत्री अरविंद भदौरिया ने संबोधित करते हुए कहा- मेले हमारे हिंदुस्तान की संस्कृति है. इनमें भारत का वो रंग दिखता है जो कभी हमारे पुरखों ने सजाया था। उन्होंने यह भी कहा मेले का समय ढंडक यानी जनवरी फरवरी माह में होना चाहिए। 

इसको लेकर हम प्रयासरत हैं और कोशिश भी करेंगे ताकि सैलानियों की संख्या बढ़ सके। वहीं उन्होंने कहा कि आज निराला रंगमंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के कवि उपस्थित हुए हैं जिनको सुनकर भिंड के लोग आनंदित होंगे।


वहीँ  विधायक "संजीव सिंह" संजू ने माँ सरस्वती की पूजा अर्चना एवं प्रसिद्ध कवि स्व.श्री निराला जी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। बाहर से पधारे कवियों को मंच पर उपस्थित कराते हुए स्वागत सत्कार में विधायक संजीव ने कहा "भिण्ड के लोग वीर है, बलिदानी हैं,,,, लेकिन अफसोस है कि हमारा रिश्ता हमेशा चंबल के डकैतों से जोड़ा गया। उन्होंने कहा,,,,, मैं कवि कुमार विश्वास जी कविता जी सुमन जी अशोक सुंदरानी जी एवं अजातशत्रु जी आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आप जब भिण्ड के लिए चले होंगे तो आपकी नज़रों में भिण्ड की एक अलग तस्वीर दिखाई होगी लेकिन हमारे भिंड के लोग वैसी नहीं है जैसा हमें दिखाया जाता है। आपका बहुत-बहुत स्वागत है।



रात 10 बजे के बाद शुरू हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रोताओं ने आनंद ले कर खुद को गदगद महसूस किया ।

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