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भिण्ड - रेत कम्पनी ठेकेदार से जुर्माना वसूला जाए और एफआईआर दर्ज की जाए- डॉ रमेश दुबे

 


भिण्ड - ( हसरत अली ) -  ज़िलें में रेत का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी,इसे तत्काल रोकने एवं अवैध उत्खनन करने वाली रेत कम्पनी ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने एवं ठेकेदार की अमानत राशि जप्त करने और जिला कलेक्टर के द्वारा निर्धारित किये गए जुर्माना राशि को वसूलने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने जिलाधीश महोदय से फोन पर चर्चा कर पत्र भेजा ।

पत्र के माध्यम से दुबे ने कलेक्टर को अवगत कराया हैं प्रशासन के द्वारा 21-22 जुलाई को सिंध नदी पर्रायंच खदान से 76 ट्रक अवैध रूप से रेत भरते हुए पकड़े गए, जिससे ये सिद्ध हुआ कि रेत कम्पनी के द्वारा अवैध उत्खनन कराया जा रहा था,वहीं 200 लोगो की जान जोखिम में डाल कर नदी में ट्रक लेजाए गये । लिहाज़ा 26 जुलाई  रेत कम्पनी के मालिक राघवेंद्र सिंह को प्रशासन दुआरा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया.वहीं खनिज निरीक्षक उदासीनता देखते हुए निलंबित किये गये , इसके अलावा एक अगस्त को रेत कम्पनी मालिक राघवेंद्र सिंह पर एक करोड़ छः लाख सत्तासी हज़ार पांच सौ रुपये का जुर्माना 15 दिवस के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया, रेत कम्पनी मालिक के द्वारा जुर्माना न भरे जाने की स्थिति में जिला कलेक्टर भिण्ड के द्वारा पुनः 26 अगस्त को आदेश जारी कर रेत कम्पनी मालिक को दो करोड़ तेरह लाख पचहत्तर हज़ार रुपये का जुर्माना भरने हेतु आदेशित किया था.

डॉ दुबे ने कहा कि जिला कलेक्टर के द्वारा लगातार कारण बताओ नोटिस एवं जुर्माना भरने के लिए आदेश जारी करने के बाद भी राघवेंद्र सिंह के द्वारा कोई जुर्माना राशि नहीं जमा कराई और नाहीं जिला कलेक्टर के आदेशों को गंभीरता से लिया. यही कारण है कि आज भी एनजीटी एवं सेसा के नियम प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए सिंध नदी पर अवैध उत्खनन खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार  जारी है।

आज डॉ दुबे ने जिला कलेक्टर से कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अवैध उत्खनन को लेकर बेहद संवेदनशील है और ऐसे में मुकम्मल कार्यवाही न होने की वजह से रेत कम्पनी के हौसले बुलंद हो रहे हैं इसलिए निर्णायक कार्यवाही की जाए, रेत कम्पनी के ठेकेदार राघवेंद्र सिंह, गणपत सिंह एवं दिनेश सिंह पर एफआईआर दर्ज की जाए, रेत कम्पनी की अमानत राशि जप्त की जाए तथा जिला कलेक्टर को चाहिए कि अधिरोपित जुर्माना पूरी सख्ती के साथ वसूला जाए, उस मामले में कोई कोताही न बरती जाए ताकि जनता में ये स्पष्ट सन्देश जाए कि प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।



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