भिण्ड - खाद्यान्न पदार्थों पर जीएसटी लगाकर जनता के मुँह से रोटी छीन रही सरकार:-जसविंदर सिंह
भिण्ड - ( हसरत अली ) - देश आजादी अमृत उत्सव मना रहा है। जबकि 80 करोड़ जनता 20 रुपए प्रतिदिन पर गुजारा करने पर मजबूर है। वहीं प्रधानमंत्री के चहेते दो पूजीपति हर रोज अपनी दौलत में करोड़ रुपए का इजाफा कर रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार भी दही, दूध, आटे, दाल और खाद्यात्र पर जीएसटी लगाकर जनता के मुँह से रोटी छीन रही है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में रोज़ रोज़ की बढ़ोतरी लोगो का जीना मुहाल किये हुए है। ये बात मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कमरेड जसविंदर सिंह ने उस वक्त कहीं जब वे सर्किट हाउस बैठक में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे, माकपा नेता जसविंदर सिंह ने कहा- नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा और मोदी सरकार देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। केंद्र सरकार के विभागों में दस लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। सार्वजनिक संस्थानों में वर्षों से नई भर्ती पर रोक लगा रखी है। जब कि सरकार देशभक्ति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देकर मुकुट पहनती है, इस के अलावा सेना में 2 लाख से ज्यादा सेना के पद रिक्त है। नरेंद्र मोदी सरकार चार साल के अनुबंध पर अग्निवीर भर्ती कर नौजवानों के भविष्य और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। है।
उन्होंने कहा कि किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद भी केंद्र सरकार अपने वादों पर अमल नहीं कर रही है न स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जा रहा है और न ही घोषित एमएसपी पर किसानों की फसल को खरीदा जा रहा है। खाद बीज की कीमतें बढ़ने से तागत बढ़ रही है और 2022 तक किसानों की आमदनी को दुगना करने का वादा करने वाले पी एम के राज में हर आधे घंटे में एक किसान आत्महत्या कर रहा है।आदिवासी क्षेत्रों में वन भूमि से आदिवासियों और वनवासियों की बेदखलियां हो रही है। गौर तलब हैं कि औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों से जमीन छीन कर पूजीपतियों और भूमाफियाओं के हवाले की जा रही है। नेता श्री सिंह ने कहा- सरकार पूँजीपतियों के लिए खजाने खोल रही है। दूसरी ओर श्रम कानूनों को खतम कर श्रमिकों के रोजगार सुरक्षा के लिए ही खतरे पैदा नहीं कर रही है, इन हालातों से लगता है फिर से गुलामी जैसे हालात पैदा कर रही है माकपा नेता जसविंदर सिंह ने कहा-दलित और आदिवासी उत्पीड़न के शिकार है। मध्यप्रदेश में आदिवासी महिला को जिंदा जला दिया जाता है।
जालोर में सरस्वती शिशु मंदिर का हेडमास्टर दलित छात्र द्वारा पानी का मटका छू लेने पर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर देता है। जनतांत्रिक अधिकारी पर हमले हो रहे हैं. प्रतिरोध की आवाज दबाने दमन और जेल का सहारा लिया जा रहा है जिसके चलते माकपा नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता में व्यापक लामबंदी करने और इन नीतियों को बदलने के साथ ही वैकल्पिक नीतियों के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह वही विकल्प है। वामपंथी जनवादी मोर्चा की सरकार ने जीएसटी न लगाने के रूप में शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी कानून साक और सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधार कर निजी स्कूलों की सूट पर रोक लगाकर प्रस्तुत किया है।आईए इस संघर्ष में साथ मिलकर महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ हैं.
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