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भिण्ड - बड़े हनुमान मंदिर पर आध्यात्मिक कवि-सम्मेलन सम्पन्न


भिण्ड - ( हसरत अली ) - स्थानीय अटेर रोड नवादा वाग बङे हनुमान मंदिर समिति के तत्वावधान में बुढ़वा मंगल के शुभ अवसर पर एक आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता महंत गोपाल नारायण शर्मा ने की एवं मुख्य आतिथ्य के रूप में दशरथसिह कुशवाह व विशिष्ट आतिथ्य में शिव बहादुर सिंह शिव मौजूद रहे।

सर्वप्रथम मां सरस्वती वंदना के लिए आवाज दी गयीं कवयित्री डा शशिबाला राजपूत को जिन्होंने ने सस्वर बंदना प्रस्तुत की.वहीं एडवोकेट शैलेंद्र सिंह शाकरी ने स्वागत भाषण के दौरान से मंदिर समिति के द्वारा किये गये कार्यो का व्यौरा प्रस्तुत किया ।

तदुपरांत काव्यपाठ करते प्रदीप वाजपेयी युवराज,ने कहा.....

"फैला घोर अंधेरा लेकिन यहां उजाला है ।

 धन सम्पति सुखमय जीवन देने वाला है ।।

 कहां भटकता है मानव इस दर पर तो आए।

 बजरंगी दरवार सदा दुनियां से निराला हैं ।।"

वहीं राजेश मधुकर भिंड ने ग़ज़ल पेश करते  हुए कहा,,, "

"चीङ वन में आंधियां कोई खबर आने तो दो ।

 एक टुकड़ा धूप ऑगन तक उतर आने तो दो ।।

 इंकलाबी दीप चौखट पर जलाकर हम रखेंगे ।

 इन हवाओं में बगावत की लहर आने तो दो ।।"

कवि अंजुम मनोहर रचना प्रस्तुत करते हुए कहा....

"एक हाथ में लीये गदा और दूजे हाथ में पर्वत ।

 पवनपुत्र की मर्जी  बिन वक्त न लेता करवट ।।

 वक्त न लेता करवट बिगङे काम बनाते है ।

 इसीलिए तो भक्त सहज ही शीश झुकाते है ।।

  कह अंजुम कविराय ये सर्वशक्तिमान है ।

   जगत देव आराध्य जय श्री हनुमान है ।।"

बबेड़ी निवासी कवि दशरथ सिंह कुशवाह रचना धर्म निभाते हुए कहा 

"भवसागर का रत्न वही है जिसमें कुछ निर्मलता है धन्य पुरूष है वही जिसका नाम जगत में चलता है"

इस के अलावा डा शशिबाला राजपूत,शिवबहादुर सिंह शिव ने देर रात तक चले कवि सम्मेलन में रचना पाठ से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया ।

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बबोधन महंत गोपालनारायण शर्मा के उपरांत कार्यक्रम संयोजक दीपक सिंह भदौरिया एवं सह संयोजक राहुल सिंह भदौरिया ने कवियों का माल्यार्पण के साथ शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया. वहीं कार्यक्रम का कुशल संचालन अंजुम मनोहर ने किया अंत में पधारे हुए गणमान्य लोगों का आभार राज कुमार शर्मा ने व्यक्त किया.



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