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लखनऊ - उत्तर प्रदेश एक प्रगतिशील और परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है - योगी


 

लखनऊ - ( न्यूज़ ऑफ इंडिया - न्यूज़ एजेंसी)  - सीएम योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक प्रगतिशील और परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का विजन, प्रदेश के इस कायाकल्प का आधार स्तम्भ है। प्रधानमंत्री  के रिफॉर्म, परफॉर्म तथा ट्रांसफॉर्म के मंत्र को प्रदेश ने अक्षरशः लागू किया है। विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश के आर्थिक विकास एवं समृद्धि की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने सक्षम नीतिगत समर्थन एवं विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके प्रदेश में कारोबारी माहौल बनाने में सफलता प्राप्त की है।

मुख्यमंत्री  आज नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित ‘यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ के कर्टेन रेज़र सेरेमनी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने प्रदेश में 10 से 12 फरवरी, 2023 तक ‘यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के ‘लोगो’ का अनावरण तथा ‘पॉलिसी कम्पेंडियम ऑफ द गवर्नमेन्ट ऑफ उत्तर प्रदेश’ का विमोचन किया। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के अन्तर्गत इन्सेन्टिव प्रदान करने के लिए निवेश मित्र पोर्टल के अन्तर्गत केन्द्रीकृत ऑनलाइन इन्सेन्टिव मैनेजमेण्ट सिस्टम तथा एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने, उनके कार्यान्वयन की निगरानी, प्रोएक्टिव इन्वेस्टर कनेक्ट तथा हैण्ड होल्डिंग के लिए इन्वेस्ट यू0पी0 द्वारा विकसित रिलेशनशिप मैनेजमेण्ट पोर्टल ‘निवेश सारथी’ की औपचारिक शुरुआत की। सेरेमनी में उ0प्र0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 पर आधारित कर्टेन रेज़र लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री  के संकल्प के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उत्तर प्रदेश को ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करना है। इसके लिए राज्य सरकार ने आगामी 05 वर्ष में प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का कार्यक्रम आपके सामने प्रस्तुत किया है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी, 2023 तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन कर रही है, ताकि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों को प्रदर्शित करते हुए वैश्विक व्यापारिक समुदाय को प्रदेश के आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन में विश्व स्तर के नीति निर्धारक, कॉर्पाेरेट जगत के शीर्ष नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमण्डल, एकेडेमिया, विचार मंच एवं प्रबुद्धजन द्वारा प्रतिभाग करते हुए व्यावसायिक सम्भावनाओं एवं सहभागिता के अवसरों पर सामूहिक रूप से मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने कर्टेन रेजर समारोह में औपचारिक रूप से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वैश्विक तथा राष्ट्रीय व्यापारिक समुदाय से इस अभियान का समर्थन करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री  ने समिट की अब तक की तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि समिट के भव्य आयोजन में राज्य सरकार के साथ भागीदारी करने के लिए अब तक लगभग 21 देशों ने उत्साह जताया है। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीदरलैण्ड्स, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस ने प्रदेश सरकार के साथ पार्टनर कण्ट्री के रूप में सहभागिता करेंगे। इसके अलावा, दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को समिट में आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार भी 18 देशों एवं भारत के 07 प्रमुख नगरों में रोड-शो भी आयोजित कर रही है। विभिन्न देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा कि वे सभी प्रदेश में आएं, भागीदारी करें तथा ग्लोबल समिट को सफल बनाएं।

मुख्यमंत्री  ने इस प्रयास में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने के लिए भारत सरकार तथा सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने आई0टी0/आई0टी0ई0एस0, डेटा सेण्टर, ई0एस0डी0एम0, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम0एस0एम0ई0 सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियां तैयार की हैं। इनके माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने निवेशक सहभागियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स एवं अनेक नीतियों का अनावरण करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश परमात्मा और प्रकृति की कृपा की असीम सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन0सी0आर0) के निकट होने और जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण प्रदेश सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भी है। भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 08 प्रतिशत का योगदान करता है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आपको स्थापित करने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस फ्लैगशिप इन्वेस्टमेण्ट समिट के माध्यम से, राज्य सरकार का ध्येय निवेशक समुदाय के बीच उत्तर प्रदेश के निवेश आकर्षण को सुदृढ़ करने एवं राज्य के सर्वसमावेशी विकास हेतु अवसरों का सृजन करना है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून का शासन स्थापित किया है। अपराध एवं अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के माध्यम से प्रदेश ने अपने इन्वेस्टर पार्टनर्स को औद्योगिक सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है। आज प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए, देश में निवेश के सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में दुनिया का निवेश अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। राज्य सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ ही ’ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस’ पर भी पूरा ध्यान दे रही है। प्रोएक्टिव इन्वेस्टर कनेक्ट तथा हैण्डहोल्डिंग के लिए प्रदेश सरकार ने एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए नई ऑनलाइन प्रणाली ‘निवेश सारथी’ विकसित की है। साथ ही, एक ऑनलाइन इन्सेंटिव मैनेजमेण्ट सिस्टम का विकास भी किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सिंगल विण्डो ‘निवेश मित्र’ पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों को ऑनलाइन रूप से समयबद्ध स्वीकृतियाँ एवं अनापत्तियाँ उपलब्ध करायी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर रही है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता बढ़ेगी। 16,000 किलोमीटर की कुल लम्बाई के साथ, उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क उपलब्ध है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 8.5 प्रतिशत एवं ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 57 प्रतिशत क्षेत्र भी राज्य से गुजरता है। दोनों फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन उत्तर प्रदेश के दादरी (ग्रेटर नोएडा) में है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि देश के सबसे विस्तृत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में से एक होने के नाते, प्रदेश ने 13 वर्तमान एवं आगामी एक्सप्रेसवेज के साथ स्वयं को ‘एक्सप्रेसवे राज्य’ के रूप में स्थापित किया है। राज्य में 06 एक्सप्रेस-वे पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 07 विकास के विभिन्न चरणों में हैं। यह एक्सप्रेस-वे पूरे राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर में मौजूदा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर तथा अयोध्या में नए अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के विकसित होने के बाद उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। जेवर में 5,000 हेक्टेयर भूमि में विकसित हो रहा नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि वायुमार्ग की घरेलू कनेक्टिविटी के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत प्रदेश में 07 एयरपोर्ट्स का संचालन भी किया जा रहा है तथा 08 अन्य एयरपोर्ट पाइपलाइन में हैं। इसके अतिरिक्त, घरेलू एयर कनेक्टिविटी के लिए 20 से अधिक मार्गों को चिन्हित किया गया है। प्रमुख पूर्वी निर्यात केन्द्रों जैसे प्रयागराज तथा वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ने वाला, देश का पहला अन्तर्देशीय जलमार्ग (इनलैण्ड वॉटर-वे) विकसित किया जा रहा है। इसका वाराणसी से हल्दिया तक लगभग 1,100 किलोमीटर लम्बा जलमार्ग राज्य में पहले से ही संचालित है। समुद्री बंदरगाहों पर निर्यात होने वाले माल के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, प्रदेश सरकार ड्राई-पोर्ट्स के विकास को बढ़ावा दे रही है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में मुरादाबाद रेल से जुड़े संयुक्त घरेलू एवं एक्जिम टर्मिनल, कानपुर में रेलमार्ग से जुड़े निजी फ्रेट टर्मिनल तथा इनलैण्ड कण्टेनर डिपो, दादरी टर्मिनल पर इनलैण्ड कण्टेनर डिपो सम्मिलित हैं। वाराणसी में एक मल्टी-मोडल टर्मिनल तथा गाजीपुर/राजघाट, रामनगर (वाराणसी) एवं प्रयागराज टर्मिनल्स पर राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-01 के किनारे विभिन्न फ्लोटिंग टर्मिनल संचालित हैं। दादरी (गौतमबुद्धनगर) में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब एवं बोराकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब भी विकसित किया जा रहा है, जिससे इस सेक्टर को और बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि वाराणसी में 100 एकड़ भूमि में भारत का पहला ‘फ्रेट विलेज’ विकसित हो रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्यात केन्द्रों को पूर्वी भारत के बंदरगाहों से जोड़ने वाला यह गांव इनबाउण्ड व आउटबाउण्ड कार्गाे के लिए ट्रांस-शिपमेण्ट हब के रूप में कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है, जिसके 05 शहरों में मेट्रो रेल सुविधा उपलब्ध है। आगरा में मेट्रो रेल का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश में विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया गया है। नये विद्युत उत्पादन संयंत्रों 

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  अरविन्द कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर वित्त मंत्री  सुरेश कुमार खन्ना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री  राकेश सचान, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री  जसवन्त सिंह सैनी, कृषि उत्पादन आयुक्त  मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री  एस0पी0 गोयल सहित विभिन्न देशों के राजदूत एवं उच्चायुक्त, भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के अधिकारीगण, सार्वजनिक उद्यमों के सी0ई0ओ0/सी0एम0डी0 तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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