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नर्मदापुरम - प्रशासन की नाक के नीचे चल रही है, किश्ती से रेत चोरी




नर्मदापुरम/सिवनीमालवा - ( अजय सिंह राजपूत ) नर्मदा नदी में सीहोर और नर्मदापुरम जिले की सीमा के निर्धारण का एक ऐसा पेंच है कि इसके चलते किश्ती (नाव) से रेत चोरी करने वालों को फायदा हो रहा हैं। प्रशासन की नाक के नीचे से रेत चोरी कर रहे हैं। साधनहीन प्रशासन नर्मदा नदी से नाव के माध्यम से हो रही रेत चोरी को चाह कर भी नहीं रोक पा रहा है।

नर्मदा नदी सिवनी मालवा (जिला नर्मदापुरम) और नसरुल्लागंज तहसील (जिला सीहोर) की सीमाओं का निर्धारण करती है। इसी के बीच बहने वाली नर्मदा नदी से रेत चोरी करने वाले चोर नाव के माध्यम से रेत चोरी कर करोड़ों रुपए का अवैध व्यापार कर रहे हैं। जिन्हें पकड़ने में अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार की बात कह कर मजबूरी जताते हैं।

नाव से रेत चोर ने वाले जब नर्मदापुरम जिले की तटीय क्षेत्र से रेत की चोरी कर रहे होते हैं। अधिकारी को देखकर किश्ती लेकर सीहोर जिले की सीमा में भाग कर जाते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के पास नाव या मोटर बोर्ड जैसा कोई साधन नहीं है कि वे भी नर्मदा की धार में उतर कर किश्ती चोरों को पकड़ ले।
 रेत चोर भी यह जानते हैं की दोनों जिलों की सीमाएं नर्मदा नदी में कहां कहाँ मिलती हैं । जिसका फायदा उठाकर आंख मिचौली के खेल में रेत चोरी बदस्तूर जारी है और नर्मदा मैया का सीना छलनी किया जा रहा है ।

नर्मदापुरम के सिवनी मालवा क्षेत्र में करीब 15 नर्मदा के घाट आते हैं । इन घाटों से लगे हुए गांव के लोगों के पास अनेक नाव हैं । लोग इन नाव से रेत के अवैध व्यापार में संलग्न है।

तहसील के शिवपुर क्षेत्र में नर्मदा नदी में जमकर रेत के अवैध खनन का खेल चल रहा है। सीहोर जिले के रेत माफिया नर्मदा नदी की रेत खदानों से अवैध रेत का खनन कर रहे है। शिवपुर क्षेत्र के बाबरी, डिमावर घाट, कजली घाट, चांदगढ़ कुटी, भिलाड़िया घाट, रामगढ़ घाट से पूरे दिन सैकड़ों की संख्या में कश्तियों से नर्मदा नदी में रेत का परिवहन किया जा रहा है।

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